सोमवार, 13 अक्टूबर 2025

समुद्री ताप लहर (Marine Heatwave) क्या होती है? कैसे बनती है-समुद्री ताप लहर क्या है-मौसम एवं जलवायु में क्या अंतर है स्पष्ट कीजिए-marine heatwaves upsc in hindi-hind mahasagar ka ausat tapman kitna hai-parikrama gati kya hai-परिक्रमण गति के प्रभाव-उत्तरायण और दक्षिणायन-heat wave meaning in hindi


अनुक्रमणिका/Index -

  1. जलवायु तथा मौसम में अंतर एवं जलवायु की परिभाषा।
  2. मौसम विभाग के अनुसार तापीय लहर (हीट वेव)/ Heat Wave का वर्गीकरण
  3. समुद्री हीट वेव?
  4. पृथ्वी की परिक्रमा गति एवं प्रभाव 
  5. परिक्रमा गति एवं सूर्य के स्थानांतरण के आधार पर तापांतर का व्याख्यान 
  6. समुद्री हीट वेव निष्कर्ष 

👉जनसांख्यिकी शीत ( डेमोग्राफिक विंटर) की अवधारणा क्या है? क्या यह दुनिया ऐसी स्थिति की ओर अग्रसर है? विस्तार से बताइए।-जनसांख्यिकीय शीत-jansankhiki sankraman kya hai-डेमोग्राफिक विंटर क्या है-demographic winter kya hai in hindi 👀



  • इसके अध्ययन के लिए हमको जलवायु विज्ञान की ओर चलना होगा।
  • यदि हमसे पूछा जाए की मौसम एवं जलवायु में क्या अंतर है? तब हम कहते हैं कि -
        "एक निश्चित क्षेत्र (स्थान) पर पिछले 30 वर्षों की जो औसत मौसम परिस्थितिया होती है उसे उस स्थान की जलवायु कहते हैं।"


  • अर्थात किसी एक स्थान पर उसके निश्चित -
  1. सौर ऊष्मा प्रभाव/ Insolation, 
  2. तापमान/ Temperature, 
  3. आद्रता/ Moisture एवं 
  4. पवन प्रभाव/ Wind Movement, औसत आधार पर, निश्चित होता है।
  • हमने कई बार सुना होगा कि दिल्ली में या भारत में ग्रीष्मकल में Heat Wave अर्थात तापीय लहर चल रही है।
  • जैसे की समाचार में हमको सुनने को मिलता है कि 
  1. दिल्ली में हीट वेव चल रही है 
  2. इस कारण से दिल्ली या किसी भी स्थान के संदर्भ में वहां का औसत तापमान पिछले 5 दिनों से 40 डिग्री सेल्सियस  या उससे ऊपर चल रहा है 
  3. इसके साथ ही जब यह तापमान 45 डिग्री को पार कर जाता है तब हम कहते हैं की दिल्ली में "भीषण तापीय लहर या Severe heat wave" चल रही है।



इस प्रकार भारतीय मौसम विभाग के अनुसार-

  • स्थलीय क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड
  • तटीय क्षेत्र में 37 डिग्री सेंटीग्रेड
  • पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री सेंटीग्रेड तथा
  • समुद्री सतह पर पिछले 30 वर्षों के उसके औसत तापमान से 4 से 5 डिग्री अधिक तापमान होना हीट वेव कहलाता है।



  • इसी संकलन में जब समुद्री सतह का औसत तापमान पिछले 30 वर्षों के औसत से, पिछले 5 दिनों से निरंतर, 4 से 5 डिग्री सेल्सियस ऊपर रहता है तब उसे समुद्री ताप लहर यह समुद्री हीट वेव कहते हैं।

इसको एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं-



  • हिंद महासागर का औसत तापमान (Hind mahasagar ka ausat tapman) 17 डिग्री सेंटीग्रेड का है जो की विषुवत रेखा पर 28 तथा उत्तर की ओर बढ़ते हुए निरंतर कम होता है।
  • लेकिन "मकर संक्रांति पर्व"  के पश्चात हिंद महासागर का तापमान बढ़ता प्रारंभ होता है क्योंकि सूर्य अब दक्षिणायन से उत्तरायण हो रहे हैं और इस प्रकार हिंद महासागर का तापमान अप्रैल, मई, जून के माह में विषुवत रेखा के निकट 30 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है।
  • ऐसा होने का मूल कारण पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा करना तथा पृथ्वी का अपने अक्षय झुकाव 23.5 डिग्री पश्चिम पर झुका हुआ होना।



चित्र के माध्यम से इसका व्याख्यान करते हैं-



  • हम जानते हैं पृथ्वी दो प्रकार की गति करती है एक घूर्णन तथा दूसरी परिक्रमा।
  • परिक्रमा गति के अंतर्गत पृथ्वी ( परिक्रमण गति के प्रभाव )-
  1. अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर 365 दिन 6 घंटे में एक चक्र पूर्ण करती है 
  2. जिसकी कुल लंबाई 92 करोड़ किलोमीटर तथा 
  3. इस परिक्रमा में पृथ्वी की गति 29.8 किलोमीटर/सेकंड  की होती है।
  • इसी गति में पृथ्वी की सूर्य से दूरी घटती एवं बढ़ती है जो की -
  1. 4 जुलाई को सर्वाधिक 15 करोड़ 20 लाख किलोमीटर की होती है एवं 
  2. 3 जनवरी को न्यूनतम अर्थात 14 करोड़ 70 लाख किलोमीटर की होती है।
  3. अब चुकी पृथ्वी 23.5 डिग्री पश्चिम पर अपने अक्ष पर झुकी हुई है परिणाम स्वरूप सूर्य के सापेक्ष पृथ्वी के ध्रुव की दूरी घटती एवं बढ़ती है 
  4. इसके साथ ही उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध भी 6-6 माह के लिए सूर्य की सीधी किरणें अवशोषित करते हैं।
  5. इसी कारण से 6 माह ग्रीष्म  उत्तरी गोलार्ध में तथा 6 माह की गर्मी दक्षिणी गोलार्ध में रहती है।
  6. जब पृथ्वी के दोनों ध्रुव सूर्य से समान दूरी पर होते हैं तो वह तिथि 21 मार्च और 23 सितंबर की है जब सूर्य की स्थिति पृथ्वी की विषुवत रेखा पर होती है।
  7. 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरायण अर्थात उत्तरी गोलार्ध में गमन करते हैं तथा यह स्थिति 23 मार्च तक रहती है जब सूर्य पुनः विषुवत रेखा पर आते हैं।
  8. इसी प्रकार 23 सितंबर से 21 मार्च तक सूर्य की स्थिति दक्षिणी गोलार्ध में रहती है।
  9. परिणाम स्वरूप स्थिति में दक्षिणी गोलार्ध सूर्य ऊर्जा को अधिक प्राप्त कर रहे हैं या सौर ऊर्जा का अधिक अवशोषण कर रहे हैं।
  • अर्थात सूर्य के स्थानांतरण से पृथ्वी के अलग-अलग भागों में या क्षेत्र पर ताप परिवर्तन आता है।
  • कहने का तात्पर्य है की समुद्र के तापमान में सूर्य की गति के साथ निरंतर परिवर्तन होता रहता है लेकिन जब यह परिवर्तन आवश्यकता से अधिक होकर अधिकतम सीमा को पार कर जाता है और कम से कम 5 दिन तक बना रहता है तभी से समुद्री ताप लहर या समुद्री हीट वेव कहते हैं।

तो इस प्रकार हमने जाना-
  1. समुद्र का अपने औसत तापमान है
  2. विषुवत रेखा के निकट यह तापमान अधिक तथा उत्तरगामी होते हुए एवं ध्रुव के निकट तापमान में गिरावट आती है।
  3. सूर्य के उत्तरगामी तथा दक्षिण ग्रामीण होने पर तापमान में अनुपातिक परिवर्तन होता है।
  4. एवं तटीय क्षेत्र तथा महाद्वीपों की किनारे भी इस तापमान को परिवर्तित करने में एक प्रमुख कारक है।
 
  • अंततः जब समुद्र का औसत तापमान लगातार पांच दिनों तक औसत से 4 से 5 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक रहता है तब इसे "समुद्री ताप लहर या Ocean heat wave" कहते हैं। 


🙏

  • आपकी टिप्पणियों की अपेक्षा करता हूं 
  • आपके सुझाव मेरे लिए अति महत्वपूर्ण है तथा आलोचनात्मक सुझावों का अधिक स्वागत है।
  • पृष्ठ का अनुसरण/Follow करें ऐसा आपसे अनुरोध है।

🙏🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें