रविवार, 14 सितंबर 2025

उपयुक्त उदाहरणों के साथ भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के पारिस्थितिक और आर्थिक लाभ की संक्षेप में व्याख्या कीजिए। ( 150 शब्दों में उत्तर) !! सौर ऊर्जा क्या है !! In Hindi !! !! Solar energy kya hai in hindi !! उत्पादन में प्रथम राज्य !! भारत का स्थान !! संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए !! पर 100 शब्द !! अर्थ वर्तमान स्थिति !! महत्व और आवश्यकता उपयोग !!

तीव्र बिंदु / Bullet Points -

  1. जलवायु परिवर्तन वर्ष 2017 तक पूरे "एशिया प्रशांत महासागर क्षेत्र Asia Pacific Ocean Belt Region"

  1.  में कुल "सकल घरेलू उत्पाद-GDP" का16.9(17)% हानि पहुंचा सकता है।
  2. परिणाम स्वरूप 30 करोड लोग नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे।
  3. प्रमुख रूप से प्रभावित होने वाले देशों में -

  • बांग्लादेश Bangladesh
  • वियतनाम Vietnam
  • इंडोनेशिया Indonesia
  • भारत Bharat तथा 
  • दक्षिण पूर्व एशिया के देश है।

  1. वर्तमान परिस्थितियों में यदि वैश्विक तापमान इस सदी के अंतर्गत 4% पर डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित रहता है तो भारत को अपनी कुल GDP मे 10 से 30% की हानी होगी।
  2. वर्षा चक्र में परिवर्तित होगा।
  3. पोषण रहित भोजन में कमी आएगी
  4. मात्रात्मक रूप से खाद्यान्न का संकट उत्पन्न होगा
  5. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था संकटग्रस्त हो जाएगी।
  6. नियोजन अर्थात रोजगार के नवीन अवसर का सृजन नहीं होगा तथा वर्तमान अवसर भी नष्ट होने लगेंगे।
  7. यह कुछ सुक्ष्म छोटे परिणाम हैं जलवायु परिवर्तन के।

👉NCERT-भूगोल कक्षा-06 👀



1.                 अध्याय-01                 

2.                 अध्याय-02               

3.                 अध्याय-03               

4.                 अध्याय-04      

5.                 अध्याय-05        

6.                 अध्याय-06       

7.                 अध्याय-07

8.                 अध्याय-08



धराली गांव उत्तराखंड 05/08/2025 -


  1. जो विध्वंस जलप्रलय के कारण हुआ था 
  2. उसके अन्वेषण में तथ्य ज्ञात हुआ कि 
  3. निरंतर पेड़ों के कटान से हिमालय के क्षेत्र में औसत से अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड तथा मीथेन गैस (CO2 + CH4) मुक्त हो रही है 
  4. परिणाम स्वरुप तापमान की वृद्धि, वैश्विक तापन  के संयोजन के साथ, अधिक विकराल रूप धारण कर रही है। 
  5. हम को अनुभव में आता है कि विगत कुछ वर्षों से हिमालय क्षेत्र में "वृष्टि प्रस्फुटन CLOUD BURSTING" की घटनाओं में तीव्रता आई है।

उपरोक्त उदाहरण से यह एक स्पष्ट, संजीव तथा कठोर उदाहरण है कि पर्यावरण का हमारे लिए क्या महत्व है और पर्यावरण की "गुणवत्ता न्यूनता" किस प्रकार विध्वंस का संकेत दे रही है।




पर्यावरण की परिभाषा की बात करें तो तीन घटक हमारे संज्ञान में है 

  1. प्राकृतिक 
  2. मानव निर्मित तथा 
  3. स्वयं मानव 
इस प्रकार यदि मानव निर्मित पक्ष का अवलोकन करें तो समझ में आता है कि- 

  1. जो भी मेरे आस-पास है
  2. अच्छा या बुरा
  3. उच्च या निम्न समस्त मेरे पर्यावरण का ही भाग है, तथा
  4. एक घटक कारक के रूप में प्रभावित करने का कार्य करता है।


पारिस्थितिकी/ Ecology



इससे हम यह समझ पाते हैं कि -

    "पारिस्थितिकी के अंतर्गत हम पर्यावरण के इन्हीं विभिन्न घटकों का अंतर संबंध अध्ययन करते हैं"


पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)



पारितंत्र के अंतर्गत जो भी विभिन्न घटक होते हैं उनके बीच के अंतर संबंध किस प्रकार के इसका अध्ययन किया जाता है। 

यदि इसको साधारण भाषा में समझे तो- 

1. किसी एक निश्चित क्षेत्र के लिए किसी संख्या में पेड़ों की आवश्यकता है 

2. उसी अनुपात में कितने प्राथमिक द्वितीय तथा तृतीय उपभोक्ता होने चाहिए, और 

3. कौन सी मानवीय गतिविधियां उस क्षेत्र विशेष के अंतर्गत होनी चाहिए यह अध्ययन किया जाएगा।

तो यदि किसी स्थान विशेष पर हमको एक वृद्ध स्तर पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना करनी है तो -

  1. वह भूमि कौन सी होगी बंजर भूमि अथवा कृषि भूमि, या 
  2. ऐसी भूमि जो आवासीय परिसर की दृष्टि से उपयुक्त।


क्योंकि जो भी पारिस्थितिकी या आर्थिक लाभ होने वाले हैं -

  1. निश्चित रूप से उनके कुछ आयाम ऐसे होंगे जहाँ हम को ध्यान देने की आवश्यकता हैं अन्यथा लाभ हानि की स्थिति में परिवर्तित हो जाएंगे, तथा 
  2. दूसरा पक्ष यह है कि पारिस्थितिकी एवं आर्थिक स्थिति पक्ष दोनों एक दूसरे से सहअस्तित्व संबंध रखते हैं इस प्रकार दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।

इस छाया पक्ष के साथ हमको इस विषय को देखने की आवश्यकता तो आइये अब अपने मुख्य उत्तर की ओर प्रस्थान करें।



प्रश्न- उपयुक्त उदाहरणों के साथ भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के पारिस्थितिक और आर्थिक लाभ की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।


उत्तर-

भदला-राजस्थान,पावागाडा-कर्नाटक, अनंतपुरम तथा कुरनूल-आंध्र प्रदेश क्रमश तीन बड़े प्रमुख संयंत्र हैं। भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट (GW) सौर ऊर्जा उत्पन्न कर वर्ष 2070 तक एक शून्य कार्बन उत्सर्जन अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने का है।

अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादन अर्थात न्यूनतम-

  1. कोयला खनन,
  2. CO2, CH4 एवं SO2 का उत्सर्जन,
  3. सांस संबंधी रोग,
  4. जल एवं खाद्य पदार्थ प्रदूषण,
  5. पारिस्थितिकी तंत्र विघटन
  6. अधिकतम स्वास्थ्य बचत
  7. मानव संसाधन निर्माण
  8. जैव विविधता, 
  9. क्रियाशील जैव भू रासायनिक तंत्र 
तो अधिकतम सकारात्मक पारिस्थितिकीतंत्र

क्योंकि विफल होने पर 2070 तक भारत अपनी कुल सकल घरेलू उत्पाद-GDP-का 24.7% जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव के कारण खो सकता है?

इस दिशा में ऊर्जा मंत्री मैं सहमत हूं कि जैसे-जैसे नवीकरणीय ऊर्जा परिधि में वृद्धि होगी ठीक उसी अनुपात में-

  1. अर्थव्यवस्था
  2. नियोजन के अवसर
  3. देश के स्वच्छ हरित भविष्य तथा 
  4. आत्मनिर्भरता में भी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

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