रविवार, 21 सितंबर 2025

NCERT-भूगोल-कक्षा-06-अध्याय 06-आंतरिक बल किसे कहते हैं?-बाह्य बल किसे कहते हैं?-स्थलरूप के प्रकार बताइए-परिभाषा-अपक्षय क्या है?-किसे कहते हैं?-अपक्षय का अर्थ-अपक्षय तथा अपरदन-अपरदन किसे कहते हैं?-निक्षेपण-पहाड़ी-पर्वत-हिमानी-पर्वत श्रृंखला किसे कहते हैं-पर्वतीय तंत्र-पर्वत के प्रकार उदाहरण सहित-अरावली पर्वत कहां है?-अरावली कैसा पर्वत है-अप्लेशियान पर्वत-युराल पर्वतमाला-भ्रंश पर्वत किसे कहते हैं?-अभिसारी-रूपांतरित-अपसारी-प्लेट सीमा-उत्खंड-Horst-meaning in Hindi-Geography-द्रोणिका क्या है?-ज्वालामुखी पर्वत कैसे बनते हैं?-किलिमंजारो पर्वत कहां है?-पठार-उर्मिल और तरंगित मैदान में अंतर

 

 

प्रधान शब्दावली


Atmosphere

पृथ्वी के प्रमुख स्थल रूप





प्रथम या आंतरिक प्रक्रिया / Internal process

  1. वह बल जो पृथ्वी की सतह के नीचे या पृथ्वी की आंतरिक संरचना मे कार्य करते हैं तथा 
  2. जिनके परिणाम स्वरूप पृथ्वी की सतह ऊपर की ओर उठ जाती है, अथवा नीचे की ओर धंस जाती है 
  3. प्रथम या आंतरिक प्रक्रिया कहलाती है।

 

दूसरी या बाह्य प्रक्रिया / External process

  1. वह बल जो पृथ्वी की सतह के ऊपर कार्य करते हैं तथा स्थल के निरंतर बने अथवा टूटने की प्रक्रिया को संपन्न करते हैं बाह्य प्रक्रिया कहलाती है।


1.   स्थलरूप/ Landsforms

  • हमारी पृथ्वी की ऊपरी पृष्ठ अर्थात स्थलमंडल, जोकि पृथ्वी की सतह एवं प्रभार के उपरे ठोस भाग को जोड़कर बनती है, एक प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए कई प्रकार के स्थल रूप बनाता है जैसे कि- 
  1. मैदान 
  2. पठार
  3. पर्वत 
  4. नदी 
  5. घाटियां 
  6. झरने 
  7. झील 
  8. पर्वत श्रृंखलाएं 
  9. डेल्टा
  10. समुंद्र द्वीप इत्यादि।
  • यह सभी पृथ्वी की स्थलमंडल रूप के विभिन्न रूप का उदाहरण है।

 


2.   निर्माण प्रक्रिया

  1. स्थल मंडल के यह सभी रूप पृथ्वी की 
  • आंतरिक प्रक्रिया एवं 
  • पृथ्वी के बाह्यप्रक्रिया का परिणाम है।
  1. आंतरिक प्रक्रिया में लगने वाले बल को अतः जातीय बल एवं बहाय प्रक्रिया में लगने वाले बल को बहिर जातीय बल कहते हैं

 

3.   अपक्षय/Denudation

  1. अंतरजातीय बल को निर्माण करी बल एवं बाह्य बल को विनिर्माण कारी बल कहते हैं।
  2. अपक्षय एक विनिर्माण कार्य बल का उदाहरण है जिसके परिणाम स्वरूप स्थलमंडल के विभिन्न रूप कमजोर होकर टूट जाते हैं

 

4.   अपरदन/ Erosion

  1. अपरदन अपक्षय के पश्चात प्रारंभ होने प्रक्रिया है।
  2. जिसमें यह अक्षय हुई स्थल रूप के टूटे हुए कड़ को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का कार्य करती है।
  3. अपरदन के कारक है-
  • जल,
  • वायु एवं 
  • हिम।
  1. अतः अपरदन की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप पृथ्वी की सतह घिस कर नीचे हो जाती है।


5.   निक्षेपण/ Deposition

  1. अपरदन की प्रक्रिया के पश्चात टूटे हुए कणों का किसी एक स्थान पर एकत्रित होकर एक नवीन रचना का निर्माण करना निक्षेपण कहलाता है जिसमें इसके कारक है जल वायु एवं हिम।

6.   पहाड़ी / Hill

  1. पृथ्वी का वह ऊपर उठा हुआ भाग जो कि 
  • तीव्र ढाल वाला है एवं 
  • निकटवर्ती समतल भाग से अधिकतम 600 मीटर ऊंचा है।

👉

 

7.   पर्वत/ Mountain

  1. वह पहाड़ जिस की ऊंचाई 600 मीटर से अधिक होती है पर्वत कहलाता है।

8.   हिमानी/Glacier

  1. वह पर्वत जिन पर वर्ष भर हिम जमी हुई रहती है अर्थात जिनको हिमनदी भी कहते हैं ऐसे पर्वतों को हिमानी कहा जाता है। 

9.   पर्वत श्रृंखला/ Mountain Range

  1. जब पर्वत एक रेखा के क्रम में व्यवस्थित रूप से स्थापित होते हैं तब इस प्रकार के स्थल रूप को पर्वत श्रंखला कहते हैं। 

10.   पर्वतीय तंत्र/ Mountain Syatem

  1. जब अनेक पर्वत श्रृंखलाएं एक दूसरे के समानांतर व्यवस्थित होती हैं तब इसे पर्वतीय तंत्र कहते हैं।
  2. इनका विस्तार एक वृहद क्षेत्र में होता है।
  3. उदाहरण के लिए भारत की हिमालय पर्वत श्रृंखला एक पर्वतीय तंत्र का उदाहरण है 
  4. इसके साथ ही यूरोप की अल्प्स पर्वत श्रंखला तथा दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की एंडीज पर्वत श्रंखला भी पर्वतीय तंत्र का उदाहरण है।

11.   पर्वत के प्रकार/ Types of Mountain

  1. पर्वत निर्माण क्रम तंत्र के आधार पर तीन प्रकार के होते हैं 
  • वलित पर्वत 
  • भ्रंश पर्वत 
  • ज्वालामुखी पर्वत। 

 

12.   अरावली पर्वतमाला/ Aravali Mountain Range

    

  1. भारत में स्थित अरावली पर्वत श्रंखला वलित पर्वत का उदाहरण है।
  2. राजस्थान से प्रारंभ होकर दक्षिण दिल्ली तक विस्तार लिए यह संख्या विश्व की प्राचीनतम वलित पर्वत श्रंखला है।
  3. वर्तमान में इसकी गणना अवशिष्ट या घटते हुए पर्वत के रूप में की जाती है।

13.   अप्लेशियान पर्वत माला/ Appalachian Mountain Range

      

  1. उत्तरी अमेरिका महाद्वीप में स्थित यह एक वलित पर्वत श्रंखला है जोकि संयुक्त राज्य अमेरिका देश के दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित है। 


14.   युराल पर्वतमाला/ Ural Mountain Range

      

  1. यूराल पर्वत श्रंखला रूस देश में स्थित है जो कि प्राचीन वलित पर्वत श्रंखला का उदाहरण है।
  2. अरावली के समान ही अपरदन की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप इसका भी निरंतर क्षरण हो रहा है।
  3. यह पर्वत श्रंखला यूरोप तथा एशिया महाद्वीप की सीमा बनाती है।


15.   भ्रंश पर्वत/ Fault Mountain

  1. पृथ्वी का स्थलमंडल अनेक भागों में खंडित है तथा एक खंडित भाग को प्लेट कहते हैं।
  2. यह सभी प्लेट्स निरंतर गति करती हैं।
  3. परिणाम स्वरूप तीन प्रकार की प्लेट सीमाएं बनाती हैं।


  • अभिसारी प्लेट सीमा / Convergent Plate Boundry

  • अपसारी प्लेट सीमा /Divergent Plate Boundry

  

  • रूपांतरित  प्लेट सीमाTransform  Plate Boundry


  1. भ्रंश पर्वत अपसारी प्लेट सीमा का परिणाम है।
  2. जिसके अंतर्गत दो प्लेट जब एक दूसरे से घर्षण करती हैं तब परिणाम स्वरूप एक बहुत बड़ा भाग टूट कर ऊर्ध्वाधर रूप से विस्थापित हो जाता है एवं भ्रंश पर्वत का निर्माण होता है।

  👉समस्त पृष्ठ-लिंक-पृष्ठ-All-Pages-LINK-Page👀

 


16.   उत्खंड /Horst

  1. भ्रंश पर्वत निर्माण प्रक्रिया में टूटा हुआ वह भाग जोकि ऊर्ध्वाधर रूप से ऊपर की ओर विस्थापित होता है उत्खंड कहलाता है।

 

17.   द्रोणिका/ Graben

  1. भ्रंश पर्वत निर्माण प्रक्रिया में वह भाग जोकि टूट कर नीचे की ओर विस्थापित होता है अर्थात नीचे की ओर धंस जाता है उसे द्रोणिका कहते हैं।

  • भारत की 
  • विंध्या एवं 
  • सतपुरा पर्वत श्रृंखला तथा 
  • यूरोप की राइन घाटी एवं वस्जेस पर्वत श्रृंखला भ्रंश पर्वत के उदाहरण है। 


👉 


18.   ज्वालामुखी पर्वत/ Volcanic Mountain

     
  1. ज्वालामुखी विस्फोट के परिणाम स्वरूप ज्वालामुखी मैग्मा से जब पर्वतों का निर्माण होता है तो ऐसे पर्वतों को ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं।
  2. अफ्रीका महाद्वीप पर तंजानिया देश में स्थित किलिमंजारो पर्वत तथा जापान में स्थित फ्यूजी यामा पर्वत ज्वालामुखी पर्वत के उदाहरण है
     



19.   पर्वत के लाभ/ Utility

  1. पर्वत प्रमुख रूप से जल संग्रह स्रोत होते हैं अनेकों नदियों का उद्गम इन्हीं के जल स्रोतों से होता है।
  2. पर्वत पर स्थित हिम प्रमुख जल स्रोत परिचायक है।
  3. यह मैदानों के लिए अवसाद की आपूर्ति नदी के माध्यम से करते हैं।
  4. पर्वतों पर अनेक प्रकार के खनिज एवं विभिन्न गुणवत्ता वाली वनस्पति औषधि एवं वनस्पति से संबंधित अन्य स्रोत जैसे कि लाभकारी पेड़ पौधे तथा लकड़ी की आपूर्ति मिलती है।
  5. सेवा के क्षेत्र में आने वाली पर्यटन उद्योग के लिए पर्वत एक मुख्य आर्थिक इकाई है।
  6. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे कि 
  • पैराग्लाइडिंग,
  • रिवर राफ्टिंग तथा 
  • हैंग ग्लाइडिंग भी यहां पर प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं

 

20.   पठार/ Plateau


      
  1. पहाड़ एवं पर्वत की तुलना में कम ऊंचाई वाले किंतु समतल क्षेत्र की तुलना में ऊपर उठी हुई सपाट भूमि 
  2. जिसका ऊपरी भाग मेज़ के समान सपाट तथा 
  3. जिस भूमि खंड के एक या एक से अधिक किनारे होते हैं तथा ढाल सामान्य रूप से तीव्र होते हैं पठार कहलाता है।


21.   तिब्बत का पठार/ Tibbet Plateau

  1. विश्व का सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित पठार है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 4000 से 6000 मीटर तक है। 


22.   पठार की उपयोगिता/ Utility of Plateau

  1. आर्थिक दृष्टि से पठार अत्यधिक उपयोगी होते हैं क्योंकि यहां प्रचुर मात्रा में खनिज एवं धातु तत्व की उपलब्धता मिलती है।
  2. उदाहरण के लिए अफ्रीका महादीप के पठार स्वर्ण एवं हीरे के खनन के लिए प्रसिद्ध है 
  3. जबकि भारत में स्थित छोटा नागपुर का पठार लोहा,कोयला एवं मैंगनीज के खनन एवं भंडार के लिए विश्व विख्यात है।
  4. इसके साथ ही भारत का दक्षिणी पठार या दक्कन का पठार लावा से निर्मित काली मिट्टी की प्रचुरता के लिए प्रसिद्ध है।
  5. जलोढ़ मिट्टी के पश्चात भारत में यह मिट्टी सर्वाधिक उपजाऊ होती है तथा इस मिट्टी पर प्रमुख रूप से कपास की खेती होती है इसलिए इसको कपास मिट्टी भी कहते हैं।
  6. पठार क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में सामान्य रूप से जलप्रपात मिलते हैं क्योंकि यहां नदियां तीव्र ढलान वाली ऊंचाई से गिरती है।


23.   मैदान/ Plain

      
  1. समतल सपाट स्थल रूप वाले बड़े भूभाग में विस्तारित यह एक भूखंड होता है जो कि सामान्यता समुद्र तल से 200 मीटर से अधिक ऊंचे नहीं होते हैं।
  2. भारत का उत्तर के मैदान अर्थात गंगा एवं सिंधु नदी के मैदान विश्व विख्यात हैं।

24.   उर्मिल एवं तरंगित/ Rolling & Undulating

       

  1. मैदान सामान्य रूप से समतल होते हैं लेकिन कुछ मैदान या मैदानों के एक निश्चित भूखंड स्थलाकृति के आधार पर उर्मिल अर्थात Rolling तथा तरंगित अर्थात Undulating होते हैं।

उर्मिल और तरंगित मैदान में अंतर
  1. दोनों ही स्थल आकृतियों में सामान्य रूप से कोई अंतर नहीं होता है किंतु यदि भूगोल की दृष्टि से अध्ययन करेंगे तो हमको यहां पर प्रमुख अंतर मिलते हैं।
  2. जैसे कि नाम से स्पष्ट है उर्मिल अर्थात Rolling मैदाने की एक ऐसी स्थलाकृति है जो की ऊपर की ओर उठी हुई है किंतु आनुपातिक रूप से व्यवस्थित एक ऐसी स्थलाकृति है जहां पर आपको ऊंचे टीले एवं घुमावदार रचना मिलती है, तथा
  3. यह स्थलाकृति आनुपातिक रूप से तरंग मैदान से ऊंचे होते हैं।
  4. इसके विपरीत तरंगित मैदान भी आनुपातिक रूप से व्यवस्थित होते हैं लेकिन कम ऊंचाई वाले होते हैं अर्थात यहां पर टिले या घुमावदार उच्च स्थलाकृतियां नहीं मिलती है।
  5. इस स्थलाकृति को एक निश्चित कौण से देखने पर यह तरंग के समान दिखाई देती है इस कारण से इनको तरंगित मैदान कहते हैं।
  6. ऊपर दिए गए चित्र समूह में चित्र 01 तरंगित मैदान को दर्शाता है जबकि चित्र 02 और 03 उर्मिल मैदान के उदाहरण है। 

25.   मैदान की निर्माण प्रक्रिया/ Proces  of Formation

  1. पर्वतों से आने वाली नदियां वृहद अर्थात एक बड़ी संख्या मेंअपने साथ विभिन्न प्रकार की अवसाद लेकर आती है जिनका निक्षेपण कालांतर से धंसी हुई भूमि अथवा सामान्य से कम समतल भूमि पर होता रहा और इस प्रकार पर्वतों की घाटियों में समतल स्थलमंडल अर्थात मैदान का निर्माण हुआ।



26.   मैदान की तुलनात्मक उपयोगिता/ Propotional Utility

  1. जीवन यापन के लिए मैदान सर्वाधिक उपयोगी भौगोलिक क्षेत्र है।
  2. क्योंकि समतल भूमि की उपलब्धता के कारण यहां निर्माण प्रक्रिया सुगम हो जाती है।
  3. भूगर्भीय जल के रूप में एवं नदियों के क्षेत्र विस्तार के रूप में जल के प्रचुर स्रोत उपलब्ध रहते हैं 
  4. मैदान कृषि कार्य के लिए सर्वाधिक सुगम क्षेत्र है जिस कारण से सभ्यताओं की स्थापना सर्वाधिक मैदानी क्षेत्रों में ही हुई है।
  5. मैदानी क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व सर्वाधिक होता है इस प्रकार जनसंख्या संसाधन की प्रचुरता भी यहां मिलती है।
  6. भारत के गंगा के मैदान विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें