अनुक्रमणिका-
- प्रस्तावना
- सुनामी शब्द का भौगोलिक इतिहास
- क्यों जापान की अर्थव्यवस्था समुद्री अर्थव्यवस्था है?
- सुनामी लहर की परिभाषा
- निर्माण प्रक्रिया
- उत्पत्ति के कारक
- परी प्रशांत मां बेटी की महत्वपूर्ण
- नकारात्मक प्रभाव
- मानवी हस्तक्षेप
- निष्कर्ष
- UPSC- उत्तर लेखन
- समुद्र जितना अधिक शांत हमको दिखाई देता है वास्तव में उसके अंदर उतनी ही अधिक हलचल सदैव रहती है।
- लेकिन फिर प्रकृति को लगा कि 🤔🤔 शांत समुद्र में रमणियता दिखाई नहीं देती तब रमणियता जागृत करने के लिए प्रकृति उसकी सतह पर पवन घर्षण एवं वायुदाब संयोजन के माध्यम से लहरों की उत्पत्ति कर रमणियता उत्पन्न करती है और अंततः समुद्र सतह लहर हमारे पास आती है एवं शांत समुद्र में एक मनोरंजक दृश्य उत्पन्न होता है।
- आप स्वयं ही कल्पना करके देखिए यदि समुद्री सतह पर लहरें ना हो तो क्या वह हमको मनोरंजक दिखाई देगा?😏😏
- लेकिन, जिस प्रकार प्रत्येक पीली वस्तु सोना नहीं होती इस प्रकार प्रत्येक लहर सामान्य समुद्री लहर नहीं होती।
सुनामी शब्द का भौगोलिक इतिहास-
- भूगोल ऐसा शब्द है जो सदैव कहता है कि जब भी किसी प्रश्न का उत्तर विस्तार से एवं संपूर्णता के साथ चाहिए तो मेरे पास आइये।
- सुनामी शब्द की उत्पत्ति मूलतः जापान से हुई है यह जापानी भाषा के एक शब्द है जहां हिंदी भाषा के अनुवाद में "ऐसी लहरें जो पोताश्रय अर्थात बंदरगाह में आसमान रूप से उत्पन्न होती थी और वहां खड़ी बड़ी-बड़ी नाव में हलचल उत्पन्न करके विनाश कार्य करती थी" तब इस प्रकार की लहरों को सुनामी कहा गया।
- अब अगला प्रश्न यह उठता है कि बंदरगाह के संबंध में ही इसका नामकरण क्यों हुआ?
- तो इसका उत्तर भी भूगोल देगा क्योंकि जापान ज्वालामुखी और भूकंप की धरती है जहां स्थलमंडल की तीन प्लेट आपस में अभिसरण करती रहती है।
- सबसे बड़ी और विशाल प्लेट प्रशांत महासागर
- फिर फिलिपींस प्लेट और
- उसके बाद मग्नतट यूरेशियन प्लेट
- परिणाम स्वरूप जापान एक "चाप दीप समूह/ Archipelagos" का उदाहरण है जहां पर निरंतर ज्वालामुखी एवं भूकंप गतिविधियां (Earthquake -& Volcanose) होती रहती और यहां तक हम सब जानते हैं।
- भौगोलिक परिस्थितियों में इन कारणो से जापान एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था न होकर स्वयं को समुद्री प्रधान अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करता है इसके लिए आवश्यक था कि तटीय सीमा पर बंदरगाहों का निर्माण किया जाए और निश्चित है कि अब परिवहन के लिए बड़ी-बड़ी नावों का उपयोग किया जाएगा।
- तो बस अस्तित्व में आ गया सुनामी का शब्द👍🫠
- क्योंकि प्लेट अभिसरण में प्लेट विवर्तनिकी (Lithospheric Plate Movement) प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप स्थलमंडल की प्लेट अभिसरण प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप ज्वालामुखी और भूकंप उत्पन्न करती है समुद्री सतह का यह भूकंप जल में तीव्र तथा अप्रत्याशित हलचल उत्पन्न कर इन सुनामी लहरों का निर्माण करता है परिणाम स्वरूप बंदरगाह में खड़ी-खड़ी नावे अचानक से इन लहरों के कारण नष्ट हो जाती थी।
अब जो चित्र हम
लोग देख रहे हैं उसके आधार पर एक कल्पना करते हैं-
- इस पानी से भरे हुए टब के ऊपर यदि तेज गति का पंखा चला दिया जाए तब इस पानी की सतह में हलचल उत्पन्न हो जाएगी यह हलचल और समुद्र की लहरें एक जैसी है क्योंकि दोनों ही पवन घर्षण के माध्यम से उत्पन्न होती हैं।
- लेकिन यदि हम लोग पानी से भरे टब को हाथ से पकड़ कर खिसकना प्रारंभ करने तब टब मैं उपस्थित पानी ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी तरह हिल जाता है और टब की सतह से छलक कर बाहर की ओर झटके से गिर जाएगा बस यही है सुनामी।
- क्योंकि सुनामी में पूरे समुद्र का पानी नीचे से लेकर ऊपर तक हिल जाता है जिसका परिणाम स्वरूप
- तीव्र वेग की
- ऊंचाई वाली लहरें समुद्र में उत्पन्न होकर
- निकटवर्ती सतह स्थल मंडल की सतह पर आकर छलक जाती हैं जैसे ऊपर से आपके ऊपर किसी ने 500- 500 लीटर की टंकी खोलकर गिरा दी हो जिसकी चोट आपको निश्चित रूप से लगेगी।
निर्माण
प्रक्रिया-
- सुनामी बनने का प्रमुख कारण प्लेट विवर्तनिकी ( Plate Tectonic) है समुद्र तल पर जब दो समुद्री प्लेट अभिसरण (Lithospheric Plate Convergence) करती है तब अभिसरण की प्रक्रिया में "निक्षेपित स्थलमंडली प्लेट" अर्थात जो प्लेट नीचे की ओर जा रही है वह ऊपरी प्लेट पर संपीडन का बल लगती है।
- सरल शब्दों में
वह उसको सिकोड़ने का कार्य करती है जिस कारण से ऊपरी प्लेट पर तनाव बल निरंतर
बढ़ता है और एक सीमा के बाद इस तनाव बल की ऊर्जा विमुक्त हो जाती है अर्थात ऊर्जा
मुक्त हो जाती है एवं ऊपर की प्लेट एक झटके के साथ अपनी पूर्व की अवस्था मे करने
का प्रयास करती है।
- इस प्रकार समुद्री सतह पर भूकंप की उत्पत्ति होती है और यह सर्वाधिक प्रमुख एवं प्रचलित कारण है सुनामी तरंग उत्पत्ति का या सुनामी आने का।
- इस तीव्र गति की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप समुद्र के जल में तीव्र हलचल उत्पन्न होती है एवं पूरा समुद्री जल हिल जाता है अर्थात विस्थापित होता है और विमुक्त ऊर्जा समुद्र के जल में एक हलचल पैदा करती है जो की एक लहर के रूप में समुद्री सतह पर उत्पन्न होती है।
- यह तरंग समुद्री सतह पर गमन करती है।
- गमन करने की दिशा में जब तरंग तटीय क्षेत्र के निकट पहुंचती है तब समुद्र जल की गहराई निरंतर कम होती है।
- परिणाम स्वरूप समुद्र का नित्तल एक अवरोध का कार्य करता है जिस
कारण से लहर की गति में कमी आती है अर्थात उसका वेग कम होता जाता है,
किंतु उसकी ऊर्जा उसी स्तर पर बनी रहती है और इस कारण से धीरे-धीरे
लहर की ऊंचाई में निरंतर वृद्धि होती है और एक निश्चित अधिकतम ऊंचाई के साथ लहर
अंततः तट से टकराकर विनाश करती है।
इसको बस इस उदाहरण से समझ लीजिए-
- जब दो ट्रेन आपस में टकराती है तो टकराने से दोनों ट्रेनों की गति में कमी होती है लेकिन जो पीछे के डिब्बे हैं वह अपने वेग से चलते रहते हैं इसलिए आपने देखा होगा कि दुर्घटना की स्थिति में ट्रेन के पिछले यान अर्थात पीछे वाले डिब्बे आगे वाले यान के ऊपर चढ़ जाते हैं अर्थात जो ट्रेन लंबी थी अब दुर्घटना के बाद एक डिब्बा दूसरे के ऊपर चढ़ने के कारण उनकी ऊंचाई में वृद्धि होती है।
( यह केवल एक उदाहरण था ईश्वर सबको और
सब के परिवारों को कुशल मंगल रखें ऐसी मेरी उनसे प्रार्थना है) 🙏🙏
- ठीक यही प्रक्रिया सुनामी तरंग में भी कार्य करती है जहां कम गहरी होती समुद्र स्थलाकृति अवरोध के रूप में समुद्री लहर की ऊंचाई में वृद्धि का कारण बनती है।
सुनामी उत्पत्ति कारक-
- सुनामी उत्पत्ति कारक दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है प्रथम प्राकृतिक दूसरा मानव निर्मित
भारत के परिपेक्ष
में -
- 26 दिसंबर 2004 जब इंडोनेशिया क्षेत्र में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया परिणाम स्वरूप सुनामी लहरों की उत्पत्ति हुई जब यह भारत में अंडमान- निकोबार एवं दक्षिण भारत के तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश के तट से टकराई तब उन्होंने तमिलनाडु में विध्वंस किया जिसमें 10000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई।
- यह इतनी अधिक विध्वंसकारी थी कि उस समय भारत का दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट (Indira Point) समुद्री जल में जलमग्न हो गया।
- वर्तमान नवीनतम उदाहरण 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप परिणाम स्वरूप रूस के कामचतका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) पर सुनामी तरंगे जिसका प्रभाव
- रूस के "कुरील द्वीप / kuril Islans Groups" समूह
- जापान के होकाईडो (Hokkaido ) ,
- अमेरिका के तट तथा
- अन्य द्वीप पर पड़ा
प्रश्न - परि प्रशांत क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षणों का
विवेचन कीजिए
- विश्व का सर्वाधिक सुनामी प्रभावित क्षेत्र "परि प्रशांत अग्नि मेखला/ परी प्रशांत पेटी (Circum Pacific Belt)" है क्योंकि यहां पर पृथ्वी की सर्वाधिक प्लेट विवर्तनिकी क्रिया होती है इस कारण से यहां विश्व के सर्वाधिक समुद्री ज्वालामुखी विस्फोट एवं समुद्री भूकंप आते हैं।
- इसके भू भौतिकीय अभिलक्षणों का उत्तर इसकी भौगोलिक संरचना में छिपा हुआ है।
- यदि आप इस पेटी को ध्यान से देखते हैं तो -
- मध्य में प्रशांत महासागर की समुद्री स्थल मंडली प्लेट है
- जो कि अपने चारों ओर से ऑस्ट्रेलिया (Australia), सुंडा (Sunda), फिलिपींस (Philippines) , उत्तरी अमेरिका (North America), यूरेशिया (Eurasia) तथा दक्षिण अमेरिका (South America) प्लेट से गिरी हुई है।
- इन सभी प्लेट्स के साथ प्रशांत महासागरीय प्लेट सदैव अभिसरण की प्रक्रिया (Convergent Boundary) में रहती है
- जिस कारण से "निक्षेप क्षेत्र (Thrust Zone) अर्थात अधोगमन क्षेत्र (Subduction Zone )" का निर्माण होता है
- परिणाम स्वरूप ज्वालामुखी विस्फोट, गर्त/ ट्रेंच (Trench) का निर्माण एवं भूकंप का आना संपूर्ण पृथ्वी पर सर्वाधिक इसी पेटी पर होता है।
नकारात्मक
प्रभाव-
- तटीय वनस्पति विनाश जैसे की मैंग्रोव वनस्पति का नष्ट होना
- ज्वारीय वनस्पति का नष्ट होना
- तटीय स्थलाकृति में परिवर्तन उसके भूत दृश्य तथा भूउपयोग में भी नकारात्मक परिवर्तन लाता है परिणाम स्वरूप तटीय क्षेत्र में होने वाली सामान्य कृषि या जलीय कृषि प्रभावित होती है।
- समुद्री राष्ट्रीय उद्यान अथवा अभयारण्य पर नकारात्मक प्रभाव।
- कृषि उत्पादकता में कमी।
- तट रेखा का अपरदन एवं निक्षेपण निर्मित भू स्थलाकृति का अपरदन।
- डेल्टा भू दृश्य का परिवर्तित होना।
- तटीय मत्स्य अर्थव्यवस्था एवं मछुआरों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव।
- तटीय मानव अधिवास का विस्थापन।
- अवांछित बाढ़ तथा जल एकत्रिकरण।
- तटीय क्षेत्र के बंदरगाह एवं नांव का नष्ट होना।
- इन सभी प्राकृतिक घटनाओं के माध्यम से, वास्तव में, पृथ्वी अपनी ऊर्जा को संतुलित करती है, लेकिन, अब इसमें एक नया आयाम मानवीय हस्तक्षेप का जुड़ गया है जहां -
- "वैश्विक तापन (Global Warming)" समुद्री प्लेट पर जलीय भार में वृद्धि कर रहा है
- परिणाम स्वरूप अधिक भार की स्थिति से द्रव्यमान असंतुलन की स्थिति सृजित हो रही है
- जिस कारण से अधिक संख्या में प्लेट विवर्तनिकी होने के कारण पृथ्वी पर प्राकृतिक चक्र से अलग अनावश्यक रूप में अधिक सुनामी की घटनाएं भविष्य में और बढ़ेंगी।
आवश्यकता -
- पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण के प्रति सजग रहने की तथा
- जीवन शैली एवं नियोजित मानवीय अधिवास में, प्रकृति अनुकूल परिवर्तन करके सुनामी से होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
UPSC- उत्तर लेखन
- समुद्री सतह पर उत्पन्न विशाल लहर जिनकी
औसत गति 600 से 1000 किलोमीटर प्रति घंटा, ऊंचाई सामान्य से अधिक अधिकतम 30 मीटर से ऊपर होती
है सुनामी कहलाती है।
- इनके बनने की प्रक्रिया में प्रमुख रूप से
प्लेट विवर्तनिकी अभिसरण प्रक्रिया के परिणाम स्वरुप भूकंपीय तरंगे
समुद्र समुद्र नित्तल पर उत्पन्न होकर संपूर्ण जल में एक कंपन पैदा करती है अन्य
कारणो में ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, हिमस्खलन तथा उच्च अक्षांशों में तीव्र वायुदाब परिवर्तन कारण बनते है।
- गमन करते समय तट आमुख स्थलाकृति की कम होती गहराई एक अवरोध का कार्य करती है परिणाम स्वरुप तीव्र वेग उपस्थित में ऊंची सुनामी लहरों का निर्माण होता है।
- तटीय स्थलाकृति में परिवर्तन,
- मैंग्रोव एव ज्वारीय वनस्पति की हानि,
- कृषि वन्य जीव संवर्धन हानि,
- अनावश्यक जल एकत्र,
- संक्रमणीय रोग,
- मत्स्य अर्थव्यवस्था मानवीय अधिवास की उच्च स्तर पर हानि होती है।
- वर्ष 2004 की
भारत के तट एवं जुलाई 2025 में जापान की सुनामी इसका उदाहरण
है।
🙏
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- आपके सुझाव मेरे लिए अति महत्वपूर्ण है तथा आलोचनात्मक सुझावों का अधिक स्वागत है।
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