बुधवार, 12 नवंबर 2025

Cabinet Committee on Security in hindi-CCS in Hindi-कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक-कैबिनेट समिति क्या है-Cabinet samiti in hindi-सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति का अध्यक्ष कौन है ?-कैबिनेट समिति क्या है?-cabinet committee on security kya hai-cabinet shabd kab joda gaya-मंत्रिमंडल शब्द का उल्लेख किस अनुच्छेद में है-

 

अनुक्रमणिका-

  1. समिति का अर्थ

  2. संरचना
  3. प्रमुख कार्य
  4. वर्तमान परिस्थितियों में विश्लेषण।


  • कार्य निष्पादन के कई प्रकार होते हैं
  • यदि भारतीय राज्य व्यवस्था की बात करी जाए तब इस संसरीय लोकतंत्र के अंतर्गत समिति अपनी प्रमुख भूमिका का निर्वहन कार्य निष्पादन में करती है।


यदि हम समिति शब्द का विश्लेषण करते हैं -

 

  1. समिति का अर्थ "सम" अर्थात  समानता के स्तर पर एवं "ईती" शब्द का अर्थ या तात्पर्य बुद्धि से है अर्थात ऐसा समूह जिसके सभी लोग "एक समान बुद्धि" के स्तर पर सहमति बनाते हैं समिति कहलाती है।
  2. तब इसका अर्थ निकल के आता है समानता के साथ विषय की समाप्ति अर्थात 
  3. एक ऐसा समूह जो चर्चा के बाद एक सामंजस्य तथा एक समान सोच के साथ समाधान निकालता है।


"कैबिनेट सुरक्षा समिति" Cabinet Committee Security - CCS अपना कार्य -

  1. भारत सरकार कार्य आवंटन नियमावली ( Government of India Transaction of Business Rule)-1961 के अंतर्गत करती है 
  2. जिसके अंतर्गत इसका मूल सिद्धांत "श्रम विभाजन एवं प्रभावी प्रतिनिधित्व (Division of Labour and Effective Delegation) का है।


जैसा कि हमको विदित है -

   


  1. "कैबिनेट/Cabinet" शब्द 44 से संविधान संशोधन वर्ष-1978 के द्वारा संविधान में जोड़ा गया 
  2. जहां अनुच्छेद -352 के अंतर्गत इस शब्द का उल्लेख मिलता है।
  3. हम जानते हैं अनुच्छेद 352 "राष्ट्रीय आपातकाल/ National Emergency" के संबंध में निर्देशित करती है।
  4. यह संविधान संशोधन "जनता पार्टी/ Janta Party" की सरकार के अंतर्गतजिसका नेतृत्व मोरारजी देसाई कर रहे थेलाया गया था।


यदि कैबिनेट समिति की संरचना का अध्ययन करें तो इसमें कुल पांच सदस्य -



  1. प्रधानमंत्री,
  2. गृहमंत्री,
  3. रक्षा मंत्री, 
  4. विदेश मंत्री तथा 
  5. वित्त मंत्री होते हैं।
  6. इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं अन्य अधिकारी, जिनको विषय के अनुसार आमंत्रित किया जाता हैइस बैठक का भाग बनते हैं।

भूगोल अवधारणाएं/ सिद्धांत-Geography Concept


महत्व-

यदि संरचना के आधार पर महत्व को देखें तो वित्त मंत्री का यहां होना संकेत देता है कि-

  1. जो भी उच्च स्तर के निर्णय लिया जाएंगे राज्य को उसके लिए वित्तीय संसाधन की आवश्यकता रहती है 
  2. इस प्रकार वित्त मंत्रालय की उपस्थिति में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धन की उपलब्धता एवं उसका आवंटन किस प्रकार से हो, 
  3. क्योंकि यदि वित्त सुरक्षित नहीं किया गया है तो कार्य को प्रारंभ करनाप्रभाव तथा उसका परिणाम निष्फल हो जाएगा।

विदेश मंत्री की उपलब्धता सुनिश्चित करती है कि -

  1. जो निर्णय लिया जाने वाला है 
  2. उसके संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले से कोई वातावरण या सोच कार्य कर रही है या नहीं, 
  3. वह स्थिति जिसमें चुकी यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के प्रभाव वाला है 
  4. तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसके पक्ष में वातावरण किस प्रकार से तैयार किया जाए।
  5. उदाहरण के लिए जो अभी पहलगाम में आतंकवादी घटना हुई है उसके संबंध में भारत जो निर्णय लेगा उसके संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्वास में लेना होगा तो संवाद किस स्तर पर किया गया और किस-किस से किया गया इस कार्य का दायित्व विदेश मंत्री का रहता है।


गृहमंत्री की उपस्थिति- 

  1. निश्चित रूप से भारत के आंतरिक सुरक्षा विषयों के संबंध में है।
  2. उदाहरण के लिए किसी राज्य की कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है किंतु 
  3. उस राज्य में राष्ट्रीय स्तर के स्मारक या 
  4. वह राज्य किसी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर है या 
  5. विधि व्यवस्था का विषय दो राज्यों के मध्य है या 
  6. राज्य दो राज्यों के मध्य अथवा अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है या 
  7. राज्य का विषय ऐसा है कि वह एक से अधिक राज्यों को प्रभावित करता है 
  8. तब यह आंतरिक सुरक्षा का विषय बन जाता है और इस संबंध में गृहमंत्री इस विषय का निवारण करते हैं।


अंत में रक्षा मंत्री की उपस्थिति, 

  1. जो की सर्वाधिक संदर्भित लगती है
  2. वह भारत की सीमा सुरक्षा कार्य करने की पद्धति एवं तंत्र की क्रियात्मक गतिविधियों के संबंध में है।
  3. साधारण शब्दों में पूरा सैन्य बल किस रणनीति के अंतर्गत 
  4. किस प्रकार की कार्य योजना का अनुसरण करते हुए 
  5. अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा 
  6. यह दायित्व रक्षा मंत्री का रहता है।


जो प्रधान है वह प्रधानमंत्री है -

  1. इस पर हमको लगता नहीं कि अधिक चर्चा होनी चाहिए 
  2. क्योंकि प्रधानमंत्री की उपस्थिति ही अपने आप में समस्त बिंदुओं को समायोजन करना है


अब यदि कार्यो की चर्चा करें तब सीसीएस-

  1. आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा संबंधित निर्णय का लेना
  2. समस्त सैन्य नियुक्तियां करती है
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति।
  4. DRDO से संबंधित नीतिगत निर्णय
  5. आणविक ऊर्जा या परमाणु ऊर्जा - Atomic Energy-से संबंधित निर्णय।
  6. यदि ₹1000 करोड़ से अधिक का सेना संबंधित हैं विषय,
  7. सुरक्षा से संबंधित राजनीतिक विषयों की चर्चा एवं निर्णय।

कोई समिति कितनी प्रभावी है -

  1. यह विषय उस समिति के सदस्यों के व्यक्तित्व पर भी निर्भर करता है 
  2. यदि हम आकलन करें तो समय समय पर पाते हैं कि कैबिनेट सुरक्षा समिति कभी अधिक प्रभावी होती है तथा कभी कम
  3. यह सभी पक्ष इस बात पर निर्भर करते है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में जो व्यक्ति प्रधानमंत्री के रूप में बैठे हैं उनका व्यक्तित्व किस प्रकार का है।


हम इस विषय की चर्चा क्यों कर रहे हैं क्योंकि -

  • क्योंकि दिल्ली में जो बम विस्फोट हुआ है उससे संबंधित आज "Cabinet Committee On Securities- CCS" की बैठक है। 
  • इसकी अंतिम बैठक- Last Meeting - पहलगाम आतंकवादी आक्रमण के पश्चात हुई थी जिसकी परिणीति में भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर - operation sindoor-" का निर्णय लेकर पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को लक्षित किया।
  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
  2. राजनाथ सिंह, 
  3. अमित शाह, 
  4. एस जयशंकर और 
  5. निर्मला सीतारमण इसके सदस्य हैं 
  6. साथ ही अजीत दोवाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

  • यदि इन 6 व्यक्तियों के व्यक्तित्व का अध्ययन करें तो एक कठोर निर्णय लेने वाले व्यक्तित्व यह माने जाते हैं इसलिए मान कर चलिए कि समिति का जो भी निर्णय होगा वह पुनः एक बार अत्यधिक प्रभावी तथा निर्णायक होगा।


👉UPSC-भूगोल-सिविल-सेवा-मुख्य-परीक्षा-विगत-वर्ष-प्रश्न-उत्तर-लेखन👀


ऑपरेशन सिंदूर के समय समिति ने कुल पांच प्रमुख कठोर निर्णय लिए थे-

    


  1. सिंधु नदी समझौता / Indus water treaty को तुरंत प्रभाव से निष्प्रभावी किया गया।
  2. SAARC देश समूह सुविधा के अंतर्गत पाकिस्तान के वह नागरिक जिनको भारत वीजा उपलब्ध करा रहा था उसको बंद कर दिया गया ।
  3. जो पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह रहे थे उनको 48 घंटे की समय सीमा में पाकिस्तान छोड़ने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
  4. इसके साथ ही पाकिस्तानी उच्चायोग को भारत में बंद करने का निर्णय लिया गया,तथा 
  5. संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया।
  6. पाकिस्तान में भारतीय उच्च आयोग की संख्या को 54 से घटकर 30 पर लाया गया।
  7. वाघा-अटारी अंतर्राष्ट्रीय सीमा - Wagah-Attari International border- को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया ।



उस समय यह कठोर निर्णय भारत सरकार ने संपन्न हुई "सीसीएस /CCS " की बैठक में लिए थे।

  1. पहलगांव आतंकवादी घटना और उसमें 28 नागरिकों की मृत्यु होना एक एक जघन्य अपराध था जो कि समाज और मानवता के विरुद्ध था। 
  2. एक देश और समाज को बहुत लंबा समय लगता है एक मानव संसाधन को तैयार करने में। 
  3. उस समय इन कठोर निर्णय का लिया जाना अवश्यंभावी था जो की एक सही दिशा में लिए गए निर्णय थे।
  4. दिल्ली में जो बम ब्लास्ट हुआ उसके संदर्भ में पुनः एक बार देश को कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता बता गया है। 
  5. परिणाम स्वरूप आज प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सुरक्षा समिति- CCS की बैठक बुलाई है।


चुकी -  

  • पहलगाम आतंकवादी घटना अथवा दिल्ली का बम ब्लास्ट यह सभी घटनाएं व्यक्ति विशेष या किसी समूह का न होकर एक विचार का अपराध है इसलिए आवश्यकता है कि -
  1. इस विचार कोइसके समर्थकों के साथसमाप्त किया जाए और 
  2. इसके लिए राज्य को अत्यधिक कठोर निर्णय लेने होंगे।
  3. यह संभव है कि मानवतावादी लोग- So called Human Rights Activist- उन कठोर निर्णय का विरोध करेंगे लेकिन फिर भी हमको यह तीन अत्यधिक कठोर निर्णय लेकर सफाई करने की आवश्यकता है।
  4. इसी सतत प्रक्रिया में सीसीएस (CCS) की बैठक आज 12/11/2025 होने वाली है


🙏

  • आपकी टिप्पणियों की अपेक्षा करता हूं 
  • आपके सुझाव मेरे लिए अति महत्वपूर्ण है तथा आलोचनात्मक सुझावों का अधिक स्वागत है।
  • पृष्ठ का अनुसरण/Follow करें ऐसा आपसे अनुरोध है।

रविवार, 2 नवंबर 2025

सुनामी क्या है? वे कैसे और कहां बनती है? उनके परिणाम क्या है? उदाहरण सहित समझाइए। !! सुनामी क्या है !! सुनामी लहरों की उत्पत्ति का प्रमुख कारण क्या होता है !! सुनामी लहरें क्यों उत्पन्न होती है कारण सहित समझाइए !! सुनामी कैसे बनती है? !! Tsunami in hindi !! What are tsunamis how they are formed in hindi !! सुनामी के कारण एवं परिणाम क्या है !! Tsunami kya hai in hindi !! इसके भू भौतिकीय अभिलक्षणों का उत्तर !! सुनामी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र कौन सा है? !!

 

अनुक्रमणिका-

  1. प्रस्तावना
  2. सुनामी शब्द का भौगोलिक इतिहास
  3. क्यों जापान की अर्थव्यवस्था समुद्री अर्थव्यवस्था है?
  4. सुनामी लहर की परिभाषा
  5. निर्माण प्रक्रिया
  6. उत्पत्ति के कारक
  7. परी प्रशांत मां बेटी की महत्वपूर्ण
  8. नकारात्मक प्रभाव
  9. मानवी हस्तक्षेप
  10. निष्कर्ष
  11. UPSCउत्तर लेखन

  • समुद्र जितना अधिक शांत हमको दिखाई देता है वास्तव में उसके अंदर उतनी ही अधिक हलचल सदैव रहती है।
  • लेकिन फिर प्रकृति को लगा कि 🤔🤔 शांत समुद्र में रमणियता दिखाई नहीं देती तब रमणियता जागृत करने के लिए प्रकृति उसकी सतह पर पवन घर्षण एवं वायुदाब संयोजन के माध्यम से लहरों की उत्पत्ति कर रमणियता उत्पन्न करती है और अंततः समुद्र सतह लहर हमारे पास आती है एवं शांत समुद्र में एक मनोरंजक दृश्य उत्पन्न होता है।
  • आप स्वयं ही कल्पना करके देखिए यदि समुद्री सतह पर लहरें ना हो तो क्या वह हमको मनोरंजक दिखाई देगा?😏😏
  • लेकिन, जिस प्रकार प्रत्येक पीली वस्तु सोना नहीं होती इस प्रकार प्रत्येक लहर सामान्य समुद्री लहर नहीं होती।
      "जब अप्रत्याशित कारणो के उच्च वेग के साथ अप्रत्याशित ऊंचाई वाली लहरें समुद्र में उत्पन्न होती है तब हम उन्हें सुनामी कहते हैं?"

👉NCERT-भूगोल कक्षा-06 👀
 

सुनामी शब्द का भौगोलिक इतिहास-

  • भूगोल ऐसा शब्द है जो सदैव कहता है कि जब भी किसी प्रश्न का उत्तर विस्तार से एवं संपूर्णता के साथ चाहिए तो मेरे पास आइये।
  • सुनामी शब्द की उत्पत्ति मूलतः जापान से हुई है यह जापानी भाषा के एक शब्द है जहां हिंदी भाषा के अनुवाद में "ऐसी लहरें जो पोताश्रय अर्थात बंदरगाह में आसमान रूप से उत्पन्न होती थी और वहां खड़ी बड़ी-बड़ी नाव में हलचल उत्पन्न करके विनाश कार्य करती थी" तब इस प्रकार की लहरों को सुनामी कहा गया।
  • अब अगला प्रश्न यह उठता है कि बंदरगाह के संबंध में ही इसका नामकरण क्यों हुआ

  • तो इसका उत्तर भी भूगोल देगा क्योंकि जापान ज्वालामुखी और भूकंप की धरती है जहां स्थलमंडल की तीन प्लेट आपस में अभिसरण करती रहती है। 
  1. सबसे बड़ी और विशाल प्लेट प्रशांत महासागर 
  2. फिर फिलिपींस प्लेट और 
  3. उसके बाद मग्नतट यूरेशियन प्ले 
  • परिणाम स्वरूप जापान एक "चाप दीप समूह/ Archipelagos" का उदाहरण है जहां पर निरंतर ज्वालामुखी एवं भूकंप गतिविधियां (Earthquake -& Volcanose) होती रहती और यहां तक हम सब जानते हैं।
  • भौगोलिक परिस्थितियों में इन कारणो से जापान एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था न होकर स्वयं को समुद्री प्रधान अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करता है इसके लिए आवश्यक था कि तटीय सीमा पर बंदरगाहों का निर्माण किया जाए और निश्चित है कि अब परिवहन के लिए बड़ी-बड़ी नावों का उपयोग किया जाएगा।
  • तो बस अस्तित्व में आ गया सुनामी का शब्द👍🫠
  • क्योंकि प्लेट अभिसरण में प्लेट विवर्तनिकी (Lithospheric Plate Movement) प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप स्थलमंडल की प्लेट अभिसरण प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप ज्वालामुखी और भूकंप उत्पन्न करती है समुद्री सतह का यह भूकंप जल में तीव्र तथा अप्रत्याशित हलचल उत्पन्न कर इन सुनामी लहरों का निर्माण करता है परिणाम स्वरूप बंदरगाह में खड़ी-खड़ी नावे अचानक से इन लहरों के कारण नष्ट हो जाती थी।

 

अब जो चित्र हम लोग देख रहे हैं उसके आधार पर एक कल्पना करते हैं-

  • इस पानी से भरे हुए टब के ऊपर यदि तेज गति का पंखा चला दिया जाए तब इस पानी की सतह में हलचल उत्पन्न हो जाएगी यह हलचल और समुद्र की लहरें एक जैसी है क्योंकि दोनों ही पवन घर्षण के माध्यम से उत्पन्न होती हैं।
  • लेकिन यदि हम लोग पानी से भरे टब को हाथ से पकड़ कर खिसकना प्रारंभ करने तब टब मैं उपस्थित पानी ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी तरह हिल जाता है और टब की सतह से छलक कर बाहर की ओर झटके से गिर जाएगा बस यही है सुनामी
  • क्योंकि सुनामी में पूरे समुद्र का पानी नीचे से लेकर ऊपर तक हिल जाता है जिसका परिणाम स्वरूप 
  1. तीव्र वेग की 
  2. ऊंचाई वाली लहरें समुद्र में उत्पन्न होकर 
  3. निकटवर्ती सतह स्थल मंडल की सतह पर आकर छलक जाती हैं जैसे ऊपर से आपके ऊपर किसी ने 500- 500 लीटर की टंकी खोलकर गिरा दी हो जिसकी चोट आपको निश्चित रूप से लगेगी 


      "सामान्य समुद्री लहरों से अलग समुद्री सतह पर उत्पन्न विशाल लहर जिनके औसत ऊंचाई सामान्य नहर से अधिक गति 500 से 800 ( अति विशेष परिस्थिति 1000) किलोमीटर प्रति घंटे के मध्य तथा जिनका चरित्र विध्वंसकारी है सुनामी कहलाती है।"

👉NCERT-भूगोल कक्षा-07 👀

 

निर्माण प्रक्रिया-


  • सुनामी बनने का प्रमुख कारण प्लेट विवर्तनिकी ( Plate Tectonic) है समुद्र तल पर जब दो समुद्री प्लेट अभिसरण (Lithospheric Plate Convergence) करती है तब अभिसरण की प्रक्रिया में "निक्षेपित स्थलमंडली प्लेट" अर्थात जो प्लेट नीचे की ओर जा रही है वह ऊपरी प्लेट पर संपीडन का बल लगती है  
  • सरल शब्दों में वह उसको सिकोड़ने का कार्य करती है जिस कारण से ऊपरी प्लेट पर तनाव बल निरंतर बढ़ता है और एक सीमा के बाद इस तनाव बल की ऊर्जा विमुक्त हो जाती है अर्थात ऊर्जा मुक्त हो जाती है एवं ऊपर की प्लेट एक झटके के साथ अपनी पूर्व की अवस्था मे करने का प्रयास करती है।
  • इस प्रकार समुद्री सतह पर भूकंप की उत्पत्ति होती है और यह सर्वाधिक प्रमुख एवं प्रचलित कारण है सुनामी तरंग उत्पत्ति का या सुनामी आने का।
  • इस तीव्र गति की प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप समुद्र के जल में तीव्र हलचल उत्पन्न होती है एवं पूरा समुद्री जल हिल जाता है अर्थात विस्थापित होता है और विमुक्त ऊर्जा समुद्र के जल में एक हलचल पैदा करती है जो की एक लहर के रूप में समुद्री सतह पर उत्पन्न होती है।
  • यह तरंग समुद्री सतह पर गमन करती है। 

  • गमन करने की दिशा में जब तरंग तटीय क्षेत्र के निकट पहुंचती है तब समुद्र जल की गहराई निरंतर कम होती है। 
  • परिणाम स्वरूप समुद्र का नित्तल एक अवरोध का कार्य करता है जिस कारण से लहर की गति में कमी आती है अर्थात उसका वेग कम होता जाता है, किंतु उसकी ऊर्जा उसी स्तर पर बनी रहती है और इस कारण से धीरे-धीरे लहर की ऊंचाई में निरंतर वृद्धि होती है और एक निश्चित अधिकतम ऊंचाई के साथ लहर अंततः तट से टकराकर विनाश करती है।

इसको बस इस उदाहरण से समझ लीजिए- 



  • जब दो ट्रेन आपस में टकराती है तो टकराने से दोनों ट्रेनों की गति में कमी होती है लेकिन जो पीछे के डिब्बे हैं वह अपने वेग से चलते रहते हैं इसलिए आपने देखा होगा कि दुर्घटना की स्थिति में ट्रेन के पिछले यान अर्थात पीछे वाले डिब्बे आगे वाले यान के ऊपर चढ़ जाते हैं अर्थात जो ट्रेन लंबी थी अब दुर्घटना के बाद एक डिब्बा दूसरे के ऊपर चढ़ने के कारण उनकी ऊंचाई में वृद्धि होती है।

( यह केवल एक उदाहरण था ईश्वर सबको और सब के परिवारों को कुशल मंगल रखें ऐसी मेरी उनसे प्रार्थना है) 🙏🙏

  • ठीक यही प्रक्रिया सुनामी तरंग में भी कार्य करती है जहां कम गहरी होती समुद्र स्थलाकृति अवरोध के रूप में समुद्री लहर की ऊंचाई में वृद्धि का कारण बनती है।

सुनामी उत्पत्ति कारक-

  • सुनामी उत्पत्ति कारक दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है प्रथम प्राकृतिक दूसरा मानव निर्मित



भारत के परिपेक्ष में -

  • 26 दिसंबर 2004 जब इंडोनेशिया क्षेत्र में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया परिणाम स्वरूप सुनामी लहरों की उत्पत्ति हुई जब यह भारत में अंडमान- निकोबार एवं दक्षिण भारत के तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश के तट से टकराई तब उन्होंने तमिलनाडु में विध्वंस किया जिसमें 10000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई।


  • यह इतनी अधिक विध्वंसकारी थी कि उस समय भारत का दक्षिणतम बिंदु इंदिरा पॉइंट (Indira Point) समुद्री जल में जलमग्न हो गया। 
  • वर्तमान नवीनतम उदाहरण 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता के भूकंप परिणाम स्वरूप रूस के कामचतका प्रायद्वीप (Kamchatka Peninsula) पर सुनामी तरंगे जिसका प्रभाव 
  1. रूस के "कुरील द्वीप / kuril Islans Groups" समूह 
  2. जापान के होकाईडो (Hokkaido )
  3. अमेरिका के तट तथा 
  4. अन्य द्वीप पर पड़ा


प्रश्न - परि प्रशांत क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षणों का विवेचन कीजिए

  • विश्व का सर्वाधिक सुनामी प्रभावित क्षेत्र "परि प्रशांत अग्नि मेखला/ परी प्रशांत पेटी (Circum Pacific Belt)" है क्योंकि यहां पर पृथ्वी की सर्वाधिक प्लेट विवर्तनिकी क्रिया होती है इस कारण से यहां विश्व के सर्वाधिक समुद्री ज्वालामुखी विस्फोट एवं समुद्री भूकंप आते हैं।
  • इसके भू भौतिकीय अभिलक्षणों का उत्तर इसकी भौगोलिक संरचना में छिपा हुआ है।
  • यदि आप इस पेटी को ध्यान से देखते हैं तो -
  1. मध्य में प्रशांत महासागर की समुद्री स्थल मंडली प्लेट है 
  2. जो कि अपने चारों ओर से ऑस्ट्रेलिया (Australia), सुंडा (Sunda), फिलिपींस (Philippines) , उत्तरी अमेरिका (North America), यूरेशिया (Eurasia) तथा दक्षिण अमेरिका (South America) प्लेट से गिरी हुई है। 

  • इन सभी प्लेट्स के साथ प्रशांत महासागरीय प्लेट सदैव अभिसरण की प्रक्रिया (Convergent Boundary) में रहती है 
  • जिस कारण से "निक्षेप क्षेत्र (Thrust Zone) अर्थात अधोगमन क्षेत्र (Subduction Zone )" का निर्माण होता है 
  • परिणाम स्वरूप ज्वालामुखी विस्फोट, गर्त/ ट्रेंच (Trench) का निर्माण एवं भूकंप का आना संपूर्ण पृथ्वी पर सर्वाधिक इसी पेटी पर होता है।


 

नकारात्मक प्रभाव-

  1. तटीय वनस्पति विनाश जैसे की मैंग्रोव वनस्पति का नष्ट होना
  2. ज्वारीय वनस्पति का नष्ट होना
  3. तटीय स्थलाकृति में परिवर्तन उसके भूत दृश्य तथा भूउपयोग में भी नकारात्मक परिवर्तन लाता है परिणाम स्वरूप तटीय क्षेत्र में होने वाली सामान्य कृषि या जलीय कृषि प्रभावित होती है।
  4. समुद्री राष्ट्रीय उद्यान अथवा अभयारण्य पर नकारात्मक प्रभाव।
  5. कृषि उत्पादकता में कमी।
  6. तट रेखा का अपरदन एवं निक्षेपण निर्मित भू स्थलाकृति का अपरदन।
  7. डेल्टा भू दृश्य का परिवर्तित होना।
  8. तटीय मत्स्य अर्थव्यवस्था एवं मछुआरों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव।
  9. तटीय मानव अधिवास का विस्थापन।
  10. अवांछित बाढ़ तथा जल एकत्रिकरण।
  11. तटीय क्षेत्र के बंदरगाह एवं नांव का नष्ट होना।
  12.  
     अंततः, जैसा कि हम भूगोल में अध्ययन करते हैं, यह सभी प्राकृतिक घटनाएं हैं जो कि होती आ रही है हो रही है तथा भविष्य में भी होती रहेगी।

  • इन सभी प्राकृतिक घटनाओं के माध्यम से, वास्तव में, पृथ्वी अपनी ऊर्जा को संतुलित करती है, लेकिन, अब इसमें एक नया आयाम मानवीय हस्तक्षेप का जुड़ गया है जहां -
  1. "वैश्विक तापन (Global Warming)" समुद्री प्लेट पर जलीय भार में वृद्धि कर रहा है 
  2. परिणाम स्वरूप अधिक भार की स्थिति से द्रव्यमान असंतुलन की स्थिति सृजित हो रही है 
  3. जिस कारण से अधिक संख्या में प्लेट विवर्तनिकी होने के कारण पृथ्वी पर प्राकृतिक चक्र से अलग अनावश्यक रूप में अधिक सुनामी की घटनाएं भविष्य में और बढ़ेंगी।

आवश्यकता -

  1. पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण के प्रति सजग रहने की तथा 
  2. जीवन शैली एवं नियोजित मानवीय अधिवास मेंप्रकृति अनुकूल परिवर्तन करके सुनामी से होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

UPSC- उत्तर लेखन


  • समुद्री सतह पर उत्पन्न विशाल लहर जिनकी औसत गति 600 से 1000 किलोमीटर प्रति घंटा, ऊंचाई सामान्य से अधिक अधिकतम 30 मीटर से ऊपर होती है सुनामी कहलाती है।


  • इनके बनने की प्रक्रिया में प्रमुख रूप से प्लेट विवर्तनिकी अभिसरण प्रक्रिया के परिणाम स्वरुप भूकंपीय तरंगे समुद्र समुद्र नित्तल पर उत्पन्न होकर संपूर्ण जल में एक कंपन पैदा करती है अन्य कारणो में ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, हिमस्खलन तथा उच्च अक्षांशों में तीव्र वायुदाब परिवर्तन कारण बनते है।
  • गमन करते समय तट आमुख स्थलाकृति की कम होती गहराई एक अवरोध का कार्य करती है परिणाम स्वरुप तीव्र वेग उपस्थित में ऊंची सुनामी लहरों का निर्माण होता है।
  1. तटीय स्थलाकृति में परिवर्तन
  2. मैंग्रोव एव ज्वारीय वनस्पति की हानि
  3. कृषि वन्य जीव संवर्धन हानि
  4. अनावश्यक जल एकत्र
  5. संक्रमणीय रोग
  6. मत्स्य अर्थव्यवस्था मानवीय अधिवास की उच्च स्तर पर हानि होती है।
  • वर्ष 2004 की भारत के तट एवं जुलाई 2025 में जापान की सुनामी इसका उदाहरण है।


🙏

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